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इंफेक्शन से बचने केलिए जरूरी है ये बातें


सावधानी मौसम में होने वाले बदलाव, प्रदूषण के कारण कई तरह के इंफेक्शन होते हैं। जानिए, ज्यादातर होने वाले इंफेक्शन से खुद को और अपने परिवार को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं :


निमोनिया मौसमी बदलाव जैसे सर्दी और गर्मी आने के बीच गर्म कपड़े न पहनने, सही प्रोटेक्शन न करने के कारण निमोनिया हो जाता है। इसके रोगियों में बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी सिस्टम वाले युवा सबसे ज्यादा होते हैं। निमोनिया फेफड़े का एक संक्रमण है। निमोनिया होने के कई कारण होते हैं, जिनमें प्रमुख है बैक्टीरिया है। सही समय पर इलाज न होने या ब्लड प्रेशर कम होने या ब्लड इंफेक्शन होने से स्थिति गंभीर हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर घंटे निमोनिया से तकरीबन 45 बच्चों की मौत हो जाती है। इसलिए निमोनिया को मामूली बीमारी समझने की भूल न करें। निमोनिया के लक्षण सर्दी, तेज बुखार, कपकपी, शरीर व मांसपेशियों में दर्द, तेज सांस, उल्टी होना, सीना या पेट के निचले हिस्से में दर्द और खांसी के साथ बलगम व खून आना निमोनिया के लक्षण बचाव के तरीके • घर के अंदर और बाहर दोनों ही जगह वायु प्रदूषण से बचाव कीजिए। इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे ओट्स, दही, चिकन सूप, शकरकंद, मशरूम आदि का सेवन करना फायदेमंद है। किसी व्यक्ति को खांसी, जुकाम के लक्षण हों तो उसके कपड़े, रूमाल आदि का इस्तेमाल न करें। .6 महीने तक स्तनपान कराने से बच्चे को निमोनिया का खतरा कम होता है। वायरल मौसम में बदलाव के समय वायरस अधिक सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा वायरल इंफेक्शन होता इनफलुएंजा वायरस इनमें सबसे एक्टिव माना जाता है। एक-दूसरे के संपर्क में आने से वायरल इंफेक्शन तेजी से फैलता है। यह वायरस शरीर के किसी भी खले भाग से अंदर प्रवेश कर सकता है। __ लेकिन ज्यादातर मुंह और नाक से यह वायरस शरीर के अंदर पहुंचता है। एक रिपोर्ट के अनुसार अगर फैमिली में एक बार सर्दी के दिनों में वायरस का अटैक हो जाता है, तो 88 फीसदी सदस्यों को सर्दी जुकाम होने की आंशका रहती है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या हार्ट के मरीज जल्दी संक्रमित हो सकते हैं। वायरल इंफेक्शन के लक्षण गले में खराश, दर्द और खांसी, बुखार, आंखों में जलन, लाली और खुजली, जुकाम सामान्य है।